मैं देश के प्रधानमंत्री से आह्वान करता हूं कि मन की बात जैसे कार्यक्रम में पोर्नसाइट्स पर प्रतिबंध के विषय में माता-पिता और विद्यार्थियों से बात करें। कोई भी देश पोर्न साइट्स पर तब तक प्रतिबंध नहीं लगा सकता, जब तक अंतरराष्ट्रीय कानून इस दिशा में ना बने। यह बात नाेबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने रविवार को जहाज महल परिसर में दैनिक भास्कर से विशेष चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति द्वारा गठित संसदीय समिति जल्द ही देश में बाल उत्पीड़न के खिलाफ कड़े कानून लाने वाली है।
ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज पर सख्त कानून बनना चाहिए। आईटी एक्ट व पॉक्सो कानून को भी सख्त किया जाना चाहिए। सर्विस प्रोवाइडर पर सरकारी सख्ती होनी चाहिए। पोर्न समाज को लगातार गर्त की ओर धकेल रहा है। भास्कर का पाेर्न साइट पर प्रतिबंध का अभियान सराहनीय है। अब सरकार को फ्रंट फुट पर आना पड़ेगा।